Coronavirus disease (COVID-19)
Coronavirus disease (COVID-19)
क्या है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.
विषाणु वर्गीकरण
Group: Group IV ((+)एसएसआरएनए)
अधिजगत: वायरस
(Virus)
जगत: राइबोविरिया
(Riboviria)
संघ: अनिश्चित
गण: नीडोविरालीस
(Nidovirales)
कुल: कोरोनाविरिडाए
(Coronaviridae)
उपकुल: ऑर्थोकोरोनाविरिनाए
(Orthocoronavirinae)
वंश
- अल्फ़ाकोरोनावायरस
(Alfacoronavirus)
- बेटाकोरोनावायरस
(Betacoronavirus)
- गामाकोरोनावायरस
(Gammacoronavirus)
- डेल्टाकोरोनावायरस
(Deltacoronavirus)
(Virus)
(Riboviria)
(Nidovirales)
(Coronaviridae)
(Orthocoronavirinae)
- अल्फ़ाकोरोनावायरस
(Alfacoronavirus) - बेटाकोरोनावायरस
(Betacoronavirus) - गामाकोरोनावायरस
(Gammacoronavirus) - डेल्टाकोरोनावायरस
(Deltacoronavirus)
नामोत्पत्ति
लातीनी भाषा में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो चन्द्रमा के चारों और किरण निकलती प्रतीत होती है उसको भी कोरोना कहते हैं |
सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस)
यह वायरस भी जानवरों से आया है। ज्यादातर लोग जो चीन शहर के केंद्र में स्थित हुआनन सीफ़ूड होलसेल मार्केट में खरीदारी के लिए आते हैं या फिर अक्सर काम करने वाले लोग जो जीवित या नव वध किए गए जानवरों को बेचते थे जो इस वायरस से संक्रमित थे। चूँकि यह वुहान, चीन से शुरु हुआ, इसलिये इसे वुहान कोरोनावायरस के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम सार्स-कोव २ (SARS- CoV 2) रखा है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं. संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है. खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है.
क्या हैं इससे बचाव के उपाय?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.
कोरोना की पहचान के लिए इन लक्षणों पर गौर करें
- तेज बुखार आनाः अगर किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए. यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारेनहाइट है तो उसे बुखार नहीं मानेंगे. अगर तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.
कफ और सूखी खांसीः पाया गया है कि कोरोना वायरस कफ होता है मगर संक्रमित व्यक्ति को सुखी खांसी आती है.
सांस लेने में समस्याः कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है. सांस लेने की समस्या दरअसल फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है.
फ्लू-कोल़्ड जैसे लक्षणः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कभी-कभी बुखार, खांसी, सांस में दिक्कत के अलावा फ्लू और कोल्ड जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.
डायरिया और उल्टीः कोरोना से संक्रमित लोगों में डायरिया और उल्टी के भी लक्षण देखे गए है. करीब 30 प्रतिशत लोगों में इस तरह के लक्षण पाये गए हैं
सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमीः बहुत से मामलों में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित लोगों को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी आती है.
कितना घातक है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.
56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -
- 6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
- 14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
- 80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.
कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.
कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.
जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें.
कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?
जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.
अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है.
लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.
भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है. ब्रितानी नागरिक एनएचएस111 की वेबसाइट पर कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं.
अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं. देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता है.
वहीं ब्रिटेन में इमर्जेंसी की स्थिति में व्यक्ति 999 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में क्या होता है?
इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल के ख़ास वार्ड होते हैं जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को रखा जाता है.
यहां कोरोना वायरस के मरीज़ों के ऑक्सीजन की ज़रूरत को मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा कर या फिर नाक में ट्यूब के ज़रिए पूरा किया जाता है.
जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हं वेंटिलेटर पर रखा जाता है. यहां सीधे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की अधिक सप्लाई पहुंचाई जाती है. इसके लिए मरीज़ के मुंह में ट्यूब लगाया जाता है या फिर नाक या गले में चीरा लगा कर वहां से फेफड़ों में ऑक्सीजन दिया जाता है.
message from our honorable prime minister
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